मेटावर्स ( Metaverse ) एक तरह की मिक्स रियालिटी ( Mixed Reality ) है जहां एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति से जुड़ सकता है। Metaverse वर्चुअल वर्ल्ड (Virtual World)और रियल वर्ल्ड (Real World) के बीच एक ब्रिज के तौर पर काम करेगा ।मेटावर्स एक डिजिटल वास्तविकता है जो सोशल मीडिया, ऑनलाइन गेमिंग, संवर्धित वास्तविकता (Artificial Intelligence), आभासी वास्तविकता (Virtual Intelligence), और क्रिप्टोकरेंसी(Cryptocurrency) के पहलुओं को जोड़ती है ताकि उपयोगकर्ताओं को वस्तुतः बातचीत करने की अनुमति मिल सके।
नील स्टीफेंसन (Neal Stephenson) के उपन्यास स्नो क्रेश (SNOW CRASH) मेटावर्स जैसी विचार सामने आया। Metaverse दो शब्दों से मिलकर बना हुआ है- Meta और Verse । Meta का अर्थ है – After या Beyond वहीं Verse का अर्थ है- Universe । मेटा (Meta) एक ग्रीक शब्द है ।
मेटावर्स क्या है
मेटावर्स एक तरह की मिक्स रियालिटी है जहां एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति से जुड़ सकता है। Metaverse वर्चुअल वर्ल्ड और रियल वर्ल्ड के बीच एक ब्रिज के तौर पर काम करेगा । मेटावर्स के कंसेप्ट में वर्चुअल रियालिटी, अगमेंटेट रियालिटी और होलोग्राफिक तकनीक का उपयोग किया जा सकता है। कई तरह से के डिवाइस और सेंसर के जरिए लोग एक दूसरे से जुड़ सकेंगे। इस कंसेप्ट का इस्तेमाल करके व्यक्ति एक दूसरे की उपस्थिति को महसूस कर पाएगा।
मेटावर्स कब चर्चा में आया
मेटावर्स शब्द समाचार में तब आया जब फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग ने मेटावर्स पर अपना एक नया प्रोजेक्ट शुरू करने की घोषणा की। जी हां, इंटरनेट के ऊपर मेटावर्स हो जाएगा और 3D Reality में मेटावर्स कैरक्टर या फिक्सन कैरक्टर का विस्तार हो जाएगा। याद कीजिए बॉलीवुड फिल्म अवतार, मैट्रिक्स, रेडी प्लेयर वन आदि फिल्मों में फिक्सन कैरक्टर कार्य को उन्नत किया गया और वह काल्पनिक कैरेक्टर चरित्र कल्पनाओं में रहकर आभासी दुनिया में ले जाने की कोशिश करता रहा। इसी प्रक्रिया को लेकर मेटावर्स 3D रियालिटी दुनिया में ले जाने की कोशिश करेगा।
Our overaching goal across all of these initiatives is to help, Bring the Metaverse to life. – Mark Zuckerberg
Connect 2021 Conference में मार्क ज़करबर्ग ने फेसबुक की रीब्रान्डिग कर नया नाम “मेटा (Meta)” कर दिया है । मेटा को अम्ब्रेला कंपनी(Umbrella company) के रूप में जाना जाएगा ।
फेसबुक, ह्टास्ऐप, इन्स्टाग्राम और मैसेंजर जैसे सारे सोशल मीडिया मेटा (Meta) कंपनी के अंतर्गत ही रहेंगे । कहने का तात्पर्य यह है कि मेटा कंपनी पैरेन्टल कंपनी होगी। यह उसी तरह होगा जैसे अल्फाबेट कंपनी के अंतर्गत गूगल, यूट्यूब आदि कंपनी आते हैं ।
वास्तविक दुनिया की तरह डिजिटल जुड़ाव, क्रिएटिव इकोनामी का विकास, नई तकनीक और पॉलिसी, समय की बचत, पर्यावरण, शिक्षा क्षेत्र, स्पेस साइंस, रिसर्च और पृथ्वी विज्ञान, मैपिंग
मेटावर्स की चुनौतियां :-
प्राइवेसी के मुद्दे, डेटा का उपयोग और सुरक्षा, महंगे उपकरण, रियल तथा रियालिटी से दूर, मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव, तकनीक का विकास
फेसबुक के प्रोजेक्ट मेटावर्स (Project Metaverse) पर काम शुरू होने के साथ-साथ फेसबुक( मेटा) कंपनी को इपीक गेम(EPIC Games) के ऑनरियल इंजन(Unreal Engine), माइक्रोसॉफ्ट के प्रोजेक्ट मेश(Project Mesh) और गूगल के प्रोजेक्ट स्टारलाइन(Project Starline) से भी चुनौतियां मिलेंगी। मेटा कंपनी को इपीक गेम, माइक्रोसॉफ्ट और गूगल का इस पर काम करना चुनौती से कम नहीं होगा।
आगे की राह प्रोजेक्ट मेटावर्स हो या ऑनरियल इंजन हो या प्रोजेक्ट स्टारलाइन हो सभी वर्चुअल रियलिटी, ऑगमेंटेड रियलिटी और होलोग्राफिक तकनीक का उपयोग करते हुए समय के साथ साइंस और टेक्नोलॉजी को और उन्नत स्थान पर पहुंचाएंगे। भले ही इसके साथ गोपनीयता का कानून की समस्या होगी तो उसके लिए सुरक्षा का बेहतर प्रबंधन सरकारी तंत्रों को करना ही होगा । और इसके साथ ही ऑगमेंटेड रियलिटी तथा वर्चुअल रियलिटी का लंबे समय तक उपयोग व प्रचलन करना ही चलता रहेगा।